राजेश आर्य
रुड़की| भारत रत्न एवं संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 120वीं जयंती की शुभ बेला पर 8 माह के नन्हे से बालक अश्मित का अद्भुत नजारा उस समय देखने को मिला जब वह बालक भारतीय संविधान की पुस्तक को अपने हाथ में लेकर और उसमे ध्यान लगाकर यह संदेश दे रहा है कि भारतीय संविधान ही दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। और इस पर चलना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। रूडकी तहसील के ग्राम साढौली विकासखंड नारसन निवासी प्रवीण कुमार के यहां जन्मा उसका 8 माह का नन्ना सा पौत्र अश्मित इतना भाग्यशाली एवं कर्मयोगी है ।
कि मंगलवार को पूरा देश बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती सादगी से मना रहा है। तो इसी घड़ी में लोकडाउन के चलते इस नन्हे से बालक के दादा परवीन-कुमार ,दादी कमलेश ,पिता आसू कुमार व उनकी माता शिप्रा अपने घर में सामाजिक दूरी बनाकर बाबा साहेब की जयंती मना रहे थे ,कि ठीक उसी समय यह नन्हा सा बालक भी कहां पीछे रहता ! वह तो अपने स्थान से खिसक कर वहां जा बैठा जहां बाबा साहेब की प्रतिमा लगी थी और उनके द्वारा रचित भारतीय संविधान की पुस्तक रखी थी। जो उसने उसे बड़े इत्मीनान के साथ वह पुस्तक अपने नन्हे से हाथों में उठाई और उसे ध्यान से देखने लगा । यह नजारा देखने से साफ पता चलता है । कि यह नन्हा सा बालक कोई पक्का अंबेडकरवादी है। और मानो यह संदेश दे रहा है , कि भारतीय संविधान ही दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। और इस पर चलना ही प्रत्येक भारतीय का मूल कर्तव्य है।
यह बालक इस समय ग्राम ब्रह्मपुरी बहादराबाद में अपने दादा-दादी के पास पल रहा है। बालक के पिता आसू कुमार व माता शिप्रा भी वही रहते हैं। इस बालक के दादा-दादी भी धार्मिक विचारों के हैं। इस बालक के दादा प्रवीन कुमार कहते हैं कि यह बालक जब से हमारे घर में पैदा हुआ है।तब से ही इस बालक मे कुछ अद्भुत नजारे एवं गुण देखने को मिलते रहते है।इसके गुणो से हम भी आश्चर्य चकित है।