आरिफ नियाज़ी
एक तरफ जहाँ झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ कुछ लोगों ने एसडीएम से संक्रमित इलाकों में भ्रमण करने की शिकायत की है, वही भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल आज कुछ प्रवासी मजदूरों के लिए फरिश्ता साबित हुए विधायक देशराज ने रुड़की दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ मजदूरों को पैदल चलते हुए देखा तो वह अपने को नहीं रोक पाए उन्होंने तुरंत ही अपनी गाड़ी को रोक कर मजदूरों का हालचाल जाना लेकिन मासूम बच्चों को देखकर वह भी भावुक हो गए
प्रवासी मजदूरों के लिए फरिश्ता बने विधायक…..

उन्होंने तुरंत मासूम बच्चों समेत सभी 18 लोगों के खाने का इंतजाम प्रशासन से कराया। उसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से उनको मध्य प्रदेश के चंदेरा में भेजने की व्यवस्था के लिए कहा जिस पर मौके पर पहुंची तहसील प्रशासन की टीम ने सभी मजदूरों को एक राहत शिविर में भेज दिया है। फिलहाल सभी मजदूरों का मेडिकल टेस्ट होने के बाद तहसील प्रशासन उनको उनके राज्य में भेजने की व्यवस्था करेगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के चंदेरा निवासी संतोष परिवार के काफी लोग ऋषिकेश में मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार चलाते हैं लेकिन लॉकडाउन होने के बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था।
मुफ्त मास्क भी किये गए वितरण

जिसके बाद उन्होंने ऋषिकेश से घर लौटना ही मुनासिब समझा और वह 18 लोग मंगलवार को ऋषिकेश से मध्यप्रदेश के लिए पैदल ही रवाना हो गए उन्हें कोई वाहन नहीं मिला आज ऐसे ही इन प्रवासी मजदूरों का परिवार रुड़की दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोदावरी होटल के पास पहुंचा तो मंगलौर की तरफ से आ रहे भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल की नजर उन पर पड़ी विधायक ने सभी मजदूरों को पहले नाश्ता कराया उसके बाद तहसील प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर बुला लिया देशराज कर्णवाल का कहना है कि प्रदेश और केंद्र के साथ देश और प्रदेश की सरकार प्रवासी मजदूरों की सेवा में लगातार तत्पर है अधिकारियों को साफ़ निर्देश दिए गए हैं
जिसके चलते मजदूरों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। प्रशासनिक अधिकारी दिन रात इस कार्य में जुटे हुए हैं उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को देखकर वह अपने आप को नहीं रोक पाए और उन्होंने उनकी मदद की है इस दौरान भाजपा विधायक की पत्नी वैजयंती माला देवी ने सभी मजदूरों को मुफ्त मास्क वितरित किए और उन्हें पूरी मदद देने का आश्वासन दिया विधायक की इस कोशिश से प्रवासी मजदूरों का परिवार भी बेहद खुश है और वह अब इसे बड़ी राहत बता रहे हैं। प्रवासी मजदूरों में बच्चों के साथ साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल है ।